Thursday 11 August 2016

Get success, inspiration, Motivational

आखिरी ब्लॉग में आप को मेने बताया था की किस्मत कुछ नही होती जो भी है करना है वो खुद से करना है
आज उन लोगो के बारे में लिखने को मन कर रहा है जो हर बात में नकारात्मक सोचते है जैसे "मै  नहीं कर सकता , मेरे बस का नही है , मुझे इसके बारे में नही मालूम, मुझे ये काम तो करते ही नही आता ", ये वो लोग है जो जिंदगी में आगे ही नही बढ़ना चाहते है जिन्होंने अपने आप को वही रोक रखा है उनके लिए जिंदगी वही ख़तम हो गई है फिर बुढ़ापे में कहते है मेरी तो किस्मत ख़राब थी में क्या करता । सच में जिंदगी में पॉजिटिव सोच रखना जिंदगी को सही से जीने का नाम है चलो में एक कहानी सुनाता हूँ आदमी पॉजिटिव सोच रखने से क्या हो सकता है
"एक बहुत बड़ा  बिज़नेस  मेन  था जिसकी बहुत बड़ी कंपनी थी । कुछ वक्त चलने के बाद अचानक उसे बहुत घाटे में जाना पड़ा एक के बाद एक बिज़नेस बंद होगये ।  सभी दोस्त और कर्मचारी भी चले गए उस पर बहुत सारा कर्ज का बोझ आ गया । वो बहुत परेशान  रहने लगा । एक दिन उसने सोचा आत्महत्या कर लेता हूँ सभी झंझट से झुटकारा मिल जायेगा । वो ये सोचते सोचते एक गार्डन में बैठा बैठा रो रहा था । वही पर उसके पास एक बूढा आदमी आया और पूछ क्या हुआ क्यों परेशान हो रो क्यों रही हो तो उसने कहा की मेरी सभी कंपनी बंद हो गयी है और बहुत सारा कर्ज भी हो गया है इसी लिए में सोच रहा हूँ की आत्महत्या कर लेता हूँ  फिर उस बूढ़े ने कंहा की मैं वारेन बफेट (एक वक्त के सबसे आमिर आदमी ) हूँ मैं तुम्हारी मदद कर देता हूँ तुम्हारा बिज़नेस  अच्छा चल जाये जब दे देना मुझे फिर उसने अपनी जेब से एक चेक बुक निकली और 10 million  का चेक बना कर उसे दे दिया । उसने उस बूढ़े को सुक्रिया किया और वापस घर आ गया कुछ सोचने के बाद उसने सोचा की पहले में अपने दम पर सब कुछ सही करने की कोसिस करूँगा इन पैसो की सहायता जब ही लूंगा जब बहुत ज्यादा जरुरत पड़ेगी. फिर वो लग गया अपने काम में और दिन रात मेहनत करके फिर से अपनी कंपनी को उसी पोजीशन पर ला खड़ा कर दिया । और उसे उन पैसे की जो बूढ़े ने दिया था उसकी जरुरत भी नही पड़ी । उसने सोचा क्यों न उस बूढ़े को उसका चेक वापस दे दिया जाये ।  वो उसी गार्डन में चेक लिए बूढ़े का पता लगाने लगा । तब ही अचानक वो बूढा उसके पास आया और उसे ध्यान से देखने लगा इतने ही देर में उसेक पीछे दौड़ते हुए एक नर्स आयी । और उस बिज़नेस में से कहने लगी आप इस पागल से क्या बात कर रहे हो ये तो पागल है हर किसी को कहता फिरता है की में वारेन बफेट हूँ और चेक बट्टे फिरता है इतना कह कर उस बूढ़े को वो नर्से ले गई । बिज़नस में वही बैठे बैठे समझ नहीं पा रहा था की में जिस चेक के पीछे अपना सब कुछ लगा के काम कर रहा था असल में वो नकली था । उसने जो भी करा एक पॉजिटिव सोच से करा  "

Monday 8 August 2016

How I get success, motivation and inspiration

सफ़लता !
क्या है सफतला किसी को मिल जाती है किसी का सारा जीवन सफलता को ढूढ़ने में बीत  जाता है फिर भी उसका हाथ खाली रहता है क्यों सफलत बहुत काम लोगो को ही मिल पाती है क्या उन लोगो में कुछ ज्यादा हुनर होता है या वो किसी ओर दुनिया से आये है आप लोग कहेंगे ऐसा तो नहीं है फिर वो कैसे सफल हो गए ।
चलो आज में आप लोगो को कुछ तथ्य बताना चाहता हूँ वैसे मै कोई बड़ा लेखक या फ्यलोसिफर नहीं हूँ बस यूँही । अपनी पर्सनल लाइफ को शेयर करना चाहता हूँ चलो ढूढ़ते है क्या मिलता है सफल व्यक्ति के जीवन में और असफल व्यक्ति के जीवन में ।

"साहिल जो समझ ले मौजों को 
क्या खोफ है उसे तुफानो से,
मर कर  ही तो जीना है 
ये सिख लिया लिया परवानो से "

ये शेर उन लोगो पर बिलकुल ठीक लगता है जो सफलता की लड़ाई में किसी से भी टकरा जाते है परवाह नही करते की तब ही तो आखिर में मंजिल मिलती है बहुत से लोग जैसे स्वामी विवेकानंद, गाँधी जी, स्टीव जॉब्स , अब्राहम लिंकन , कलामजी और भी न जाने कितने ही है । जिनकी सक्सेस युही सड़क पर पड़े नहीं मिल गयी । गाँधी जी के बारे में ही देख लो पता नहीं क्या सोचा उन्होंने अंग्रजो से टकराने का, यदि वो सोच लेते एक आदमी क्या कर सकता है तो शायद हम अभी तक गुलाम रहते या फिर स्टीव जॉब्स जिन्हें अपने माता पिता के बारे में ही नही पता था और कोई होता तो कहता मेरे माँ बाप नही है मुझे एक रुपया दे दो । आज उनके ही कारण हम एक छोटे से डिवाइस से पूरी दुनिया खोज लेते है क्या कभी इनकी जिंदगी में कभी कोई रूकावट नही आयी । याद करो गाँधी  जी कोई कई बार सत्य के मार्ग पर चलने के लिए अपनों से ही बेर लेनी पड़ी । स्टीव जॉब्स को अपनी ही बनाई कंपनी से निकाल दिया था । मूर्ति जी (infosys) उनके पास IIT में जाने के पैसे तक नहीं थे । या धीरूभाई अम्बानी जो एक पेट्रोल पम्प पर काम किया करते थे । ऐसे अनगिनत आप को उदहारण मिल जायेंगे । जो खाक से उठ करा आसमा बन गए । जिनके दुनिया से जाने के बाद भी हम लोग उनके काम के लिए उन्हें सुक्रिया कहते है ।  हम में से बहुत से लोग कहेंगे की ये तो किस्मत का खेल है ऊपर वाला चाहे जिसके जैसा चाहे वैसा दे सकता है में ऐसे लोगो को कायर कहता हूँ क्योंकि इन लोगो ने सोच लिया की जो भी करना है खुदा ही करेगा । अब यार बताईये थॉमस एडिसन सोचते की में बल्ब क्यों बनाओ वो तो खुदा का काम है ना तो आज हम अँधेरे में जीवन बिता रहे होते । या बिल गेट्स ये सोचते की मै क्यों सॉफ्टवेर बनाओ । कही नोकरी कर के घर चलता हूँ बस ओर बाकि खुद पर छोड़ देता हूँ तो शायद यंहा बैठ कर में ये सब नहीं लिख रहा होता । 
अब मुझे बताईये किसी धर्म ग्रन्थ में ये लिखा है की तुझे (इंसान) को दुनिया में सिर्फ रहने के लिए भेजा है बाकि काम में तेरे से करवायुंगा किसी ने लिखा है "भाग्य के दरवाजे पर सर पीटने से बेहतर है कर्मो का तूफान पैदा करे सारे दरवाजे खुल जायेंगे "
चलो अब में आपको एक महान व्यक्ति के बारे में बताता हूँ "एक गरीब घर में पैदा हुआ बच्चा जिसके पिता एक नाविक थे पड़ने के लिए पैसे नही होते थे तो छोटी उम्र में ही काम करना पड़ता था लोगो के घर पेपर देने जाता था । पढ़ाई में भी सामान्य लेकिन एक चीज थी तो उसे सबसे अलग बनाती थी वो थी कुछ न कुछ नया सिखने की भूख । इस नए सिखने की भूख ही ने उन्हें पहले तो एक वैज्ञानिक बनाया फिर देश का राष्ट्रपति । हाँ में हमारे सबसे प्रिय श्री अब्दुल कालम जी के बारे में बता रहा था "